मुंबई: महाराष्ट्र में हर पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं. इसी क्रम में शिवसेना (Shiv Sena) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के ‘फॉर्मूले’ पर अमल करते हुए NDA से अलग होने की तैयारी में है. इस रणनीति के तहत शिवसेना (Shiv Sena) सांसद और मोदी कैबिनेट में मंत्री अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की घोषणा की है. उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी. बता दें कि इससे पहले NCP ने NDA से अलग होने की स्थिति में ही शिवसेना को समर्थन देने की शर्त रखी थी. मालूम हो कि शिवसेना सांसद के पास भारी उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी है
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. हालांकि, BJP सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी. इसे देखते हुए राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया था. बीजेपी ने अपने दम पर सरकार बनाने में असमर्थता जता दी थी. इसके बाद राजभवन की ओर से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है. हर पल बदलते राजनीतिक हालात के बीच शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन देने के एवज में एनडीए और मोदी सरकार से अलग होने की शर्त रख दी थी. शिवसेना ने इसपर अमल करते हुए यह कदम उठाया है. पार्टी सांसद अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्री पद छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि सुबह 11 बजे इसकी औपचारिक घोषणा कर देंगे.
‘मंजिल बुरा मान जाएगी’
इससे पहले राज्यसभा सांसद और शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने शायराना अंदाज में ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि यदि रास्ते की परवाह करूंगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी. वहीं, इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है.
बता दें कि रविवार को ऐसी खबर सामने आई थी कि एनसीपी ने शिवसेना के सामने समर्थन देने के लिए शर्त रखी है. एनसीपी ने कहा था कि उसे बीजेपी से नाता तोड़ना पड़ेगा.एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा था कि हमने 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है, तो उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि उनका बीजेपी के साथ कोई संबंध नहीं है और उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर होना चाहिए. उनके सभी मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल (केंद्र) से इस्तीफा देना होगा.